कोराना- संघार
Korana- Sanghar
by
Dr. Sanjay Kumar
Vice Chancellor
Symbiosis University, Indore
कोरोना कभी न करना मनमानी,
ए हिन्द की पावन धरती है,
जहाँ रहते हैं , सब स्वाभिमानी,
तुम्हे समूल नष्ट करने की है ठानी I
चीन से आकर, मत इठलाओ,
अपनी, लाज, शील बचाओ,
भारतियों को, मत भरमाओ,
लौट अपने घर को जाओ I
इटली, अमेरिका, स्पेन में दस्तक दे,
अपनी धौंस दिखा, हमे न ललकार,
हम हैं, शिव, हनुमान, काली, दुर्गा के अवतार,
महा काल का होगा, तुम पर प्रचंड दंड प्रहार |
अभी समय है, लौट घर जाओ,
तुम्हरी कुटिया, तुम्ही को भाओ,
भारतियों को, मत भरमाओ,
लौट अपने घर को जाओ I
बजा शंख , भर दी हमने हुंकार,
विजय रथ पर हैं, हम सवार ,
स्व गृह में बंदी रहने को तैयार,
प्रभु की महिमा है, अपरमपार I
जी लेंगे अकेले, कभी न करेंगे मेले,
देखे हमने जीवन मे, ऐसे कइ झमेले,
हर दिन खिचेंगे, अपने अपने ठेले I
कोरोना पर यारो, कभी न रोना, कभी न रोना,
कभी न भूलना, बारम बार , हाथ को धोना,
सपनों मे भी किसी से हाथ न मिलाना,
चाहे हो कोइ, कितना प्यारा या सयाना I
मस्ती में अपनी, हस्ती को न खोना,
जीवन है अनमोल, इसे सदा संजोना,
दीन, हीन, दुखियों को अपनाना,
अपने हिस्से की, दो रोटी दे देना I
मरीजों व मरने वालों के आंकणों से,
कभी न डरना, कभी न डरना,
बंदी गृह में , बंदी रहकर, अपनों को अपनाना,
कंस है यह करोना, अपनी देवकी को जीलाना।
कृष्ण के हाथों बध होगा यह कंस-करोना,
मित्रों, संयम धीरज से कभी न विचलित होना,
धूं धूं जलेगा, पुतला इस विश्व व्यापी रावण का,
करेगा संघार करोना, 135करोण हिन्द की सेना
। जय हिन्द ।
द्वारा
डा. संजय कुमार
कुलपति
सीम्बोसीस विश्वविद्यालय, इंदौर
Korana- Sanghar
by
Dr. Sanjay Kumar
Vice Chancellor
Symbiosis University, Indore
कोरोना कभी न करना मनमानी,
ए हिन्द की पावन धरती है,
जहाँ रहते हैं , सब स्वाभिमानी,
तुम्हे समूल नष्ट करने की है ठानी I
चीन से आकर, मत इठलाओ,
अपनी, लाज, शील बचाओ,
भारतियों को, मत भरमाओ,
लौट अपने घर को जाओ I
इटली, अमेरिका, स्पेन में दस्तक दे,
अपनी धौंस दिखा, हमे न ललकार,
हम हैं, शिव, हनुमान, काली, दुर्गा के अवतार,
महा काल का होगा, तुम पर प्रचंड दंड प्रहार |
अभी समय है, लौट घर जाओ,
तुम्हरी कुटिया, तुम्ही को भाओ,
भारतियों को, मत भरमाओ,
लौट अपने घर को जाओ I
बजा शंख , भर दी हमने हुंकार,
विजय रथ पर हैं, हम सवार ,
स्व गृह में बंदी रहने को तैयार,
प्रभु की महिमा है, अपरमपार I
जी लेंगे अकेले, कभी न करेंगे मेले,
देखे हमने जीवन मे, ऐसे कइ झमेले,
हर दिन खिचेंगे, अपने अपने ठेले I
कोरोना पर यारो, कभी न रोना, कभी न रोना,
कभी न भूलना, बारम बार , हाथ को धोना,
सपनों मे भी किसी से हाथ न मिलाना,
चाहे हो कोइ, कितना प्यारा या सयाना I
मस्ती में अपनी, हस्ती को न खोना,
जीवन है अनमोल, इसे सदा संजोना,
दीन, हीन, दुखियों को अपनाना,
अपने हिस्से की, दो रोटी दे देना I
मरीजों व मरने वालों के आंकणों से,
कभी न डरना, कभी न डरना,
बंदी गृह में , बंदी रहकर, अपनों को अपनाना,
कंस है यह करोना, अपनी देवकी को जीलाना।
कृष्ण के हाथों बध होगा यह कंस-करोना,
मित्रों, संयम धीरज से कभी न विचलित होना,
धूं धूं जलेगा, पुतला इस विश्व व्यापी रावण का,
करेगा संघार करोना, 135करोण हिन्द की सेना
। जय हिन्द ।
द्वारा
डा. संजय कुमार
कुलपति
सीम्बोसीस विश्वविद्यालय, इंदौर
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