Opens New Vistas for Young Entrepreneurs, Software Developers and Investors

भारत सरकार द्वारा चाइनीज ऐप के ऊपर प्रतिबंध : 
सॉफ्टवेयर डेवलपर तथा निवेशकों के लिए सुनहरा मौका 
प्रो. (डॉ.) संजय कुमार
      कुलपति
सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंस इंदौर
चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने का भारत सरकार का निर्णय, एक अत्यंत साहसिक कदम है।  यह न केवल ऐतिहासिक निर्णय है, बल्कि यह  मौजूदा सरकार की परिपक्व बौद्धिकता की अनोखी पहचान है.  
यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सत्ता में सरकार देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। भारत कभी भी भारतीयों के महत्वपूर्ण व्यक्तिगत डेटा से समझौता नहीं कर सकता । कानूनी तौर पर भी, भारत सरकार का यह कठोर तथा पूर्णत: सटीक निर्णय, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 69 ए के अंतर्गत  दिए गए प्रावधानों के दायरे में है. किसी भी कीमत पर, भारत सरकार  अपने नागरिको के व्यक्तिगत डाटा को दुनिया के किसी भी मुल्क के साथ मुक्त रूप से सेयर नहीं कर सकता है.   इन्ही कारणों से  भारत ,  यह कदम उठाने के लिए मजबूर था। इस अभूतपूर्व निर्णय ने चीन और अन्य देशों को एक बहुत ही सख्त संकेत दिया है जो इंगित करता है कि "आत्मनिर्भर भारत" का नारा केवल एक मौखिक नारा ही नहीं है ,बल्कि यह  देश में पूरी तरह से एडवांस डिजिटल तकनीकी  को  विकसित करने की  दृढ़ प्रतिबद्धता है.  यह कदम  देश की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक "मेक इन इंडिया" को बढ़ावा देकर भारी आयात को कम करने में मदगार साबित होगा । स्वदेशीकरण, स्वदेशी  निर्माण , एफडीआई को प्रोत्साहन और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देना ,आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाये गए कुछ ठोस कदम हैं ।
   चीनी ऐप पर घोषित प्रतिबंध ने सभी सॉफ्टवेयर  तथा  आईटी इंजीनियर  को खुली  चुनौती दी है.  यह निर्णय , आईटी शोधकर्ताओं, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर डेवलपर्स तथा  निवेशकों  को भी जबरदस्त अवसर प्रदान करता है । यह विभिन्न विश्वविद्यालयों और मानक संस्थानों जैसे IIT, IISc, NIT, IIIT और कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। भारत में बौद्धिक क्षमता और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। यह छात्रों और शिक्षकों के लिए अपने कौशल के जौहर को दिखने का सुनहला मौका है . 59 एपस  के सही विकल्प को विकसित कर भारत की अद्भुत प्रतिभा को उजागर करने का स्वर्णिम अवसर है . अपने शत्रु मुल्कों को  सबक सिखाने का उपयुक्त समय है। भारत भूमि,  प्रतिभाशाली  युवाओं की जन्म स्थली  है, जिनके रगों में सरस्वती साक्षात् वस् करती है जिनके संकल्प और साधना का लोहा पूरी दुनिया मानती है .जब एक बार भारतीय प्रतिबद्ध हो जाता है, तो दुनिया की किसी भी मंजिल को प्राप्त कर सकता है. वह अपनी सरहदों की हिफाजत करना भली भांति जानता है.
  चाइनीज ऐप्स पर प्रतिबंध ने शिक्षाविदों और आईटी शोधकर्ताओं के लिए नए संकेत खोले हैं, जो उनके अत्यधिक ध्यान को आकर्षित करते हैं। चीनी  ऐप्स के बदले,  वैकल्पिक भारतीय ऐप्स के   विकास की चुनौती ,  देश के IT एक्सपर्ट्स युवाओं तथा प्राध्यपकों के लिए  उपयुक्त अवसर है। सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को एक तत्काल मुहीम छेड़नी होगी .इस अवसर को भुनाने और डिजिटल इंडिया अभियान  एवं  सॉफ्टवेयर विकास को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियों को कार्यान्वित करने  की आवश्यकता है:
एक स्पष्ट रोड मैप तैयार करें और चीनी ऐप के बदले, वैकल्पिक ऐप्स विकसित करने के लिए एक ब्लू प्रिंट तैयार करें।
यदि  चीनी ऐप का कोई भी भारतीय विकल्प  पहले से ही उपलब्ध है और ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है, तो  उन ऐप्स को दूबर बनाने की प्राथमिकता नहीं  दी जानी चाहिए . जिसका कोई भारतीय वैकल्पिक समाधान नहीं है, उस ऐप को प्राथमिकता दें।
सॉफ्टवेयर डेवलपर्स का एक पूल बनाएं, एस. क्यू. आर (प्रत्येक ऐप के संबंध में सॉफ्टवेयर गुणात्मक आवश्यकताएं) बनाएं और कार्य प्रवाह चार्ट के अनुसार कार्य को व्यवस्थित रूप से विभाजित करें।
उन प्लेटफार्मों की पहचान करें जिन पर विभिन्न ऐप विकसित किए जा सकते हैं।
ऐसे ऐप्स के विकास के लिए, दो लोकप्रिय प्लेटफ़ॉर्म एंड्रॉइड तथा IOS (मैक)  हैं जो विशेष रूप से ऐप्पल फोन, टैबलेट और लैपटॉप के लिए हैं।
आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली कोडिंग लैंग्वेज, फ्रंट एंड डेवलपमेंट के लिए एडवांस जावा और बैक एंड डेटा स्टोरेज और रिट्रीवल उद्देश्य के लिए एस.क्यू.एल है।
यदि आवश्यक हो तो अपेक्षित सॉफ्टवेयर की प्रोक्योरमेंट  करें।
यदि आवश्यक हो तो शिक्षकों और छात्रों के लिए प्रशिक्षण का संचालन करें।
काम की मात्रा का पता लगाने के बाद कार्य को पूरा करने के लिए विशिष्ट समय रेखा दें।
सॉफ्टवेयर उद्योगों के साथ सहयोग करें और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करें।
जरूरत पड़ने पर यूजीसी, एआईसीटीई, डीएसटी आदि से फंडिंग के लिए प्रोजेक्ट प्रस्ताव रखें।
डेवलपर्स की टीम के लिए अच्छे पुरस्कारों की घोषणा करें और उन्हें पुरस्कृत करें और उनके काम का प्रचार करें।
हम सबसे अच्छे टैलेंट को आकर्षित करने के लिए ऐप डेवलपर मैराथन की योजना बना सकते हैं।
विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने पूर्व छात्रों की मदद ले सकते हैं जो आईटी और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के टॉपर रहे हैं और उद्योगों में कंप्यूटर विज़ार्ड के रूप में काम कर रहे हैं।
इस मिशन को शैक्षणिक संस्थानों और आईटी उद्योगों से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए आक्रामक रूप से अभियान चलाने की आवश्यकता है।
UGC और AICTE के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई सराहनीय पहल की हैं। चीनी ऐप पर प्रतिबंध के मद्देनजर, निम्नलिखित सुझाव अत्यंत कारगर सिद्ध होंगे .
राष्ट्रीय महत्व के सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के कुलपतियों और निदेशकों की तत्काल  बैठक बुलाएं।
इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करें और प्रत्येक कुलपति और निदेशक से चीनी ऐप के सभी प्रकार के विकल्प विकसित करने के लिए सुझाव लें। इसे केवल वर्तमान में प्रतिबंधित 59 एप्स तक ही सीमित नहीं रखें , बल्कि सभी चीनी मूल के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उत्पादों के विकल्पों की तलाश होनी चाहिए।
विचार-विमर्श के तुरंत बाद, तत्काल दिशानिर्देश और सलाह जारी करें।
इस वर्ष को "सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट वर्ष" घोषित किया जाय ।
प्रत्येक विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय प्रख्यात संस्थानों  को सभी तरह के ऐप्स को  विक्षित करने के आदेश दिए जायँ .
आवश्यक सॉफ्टवेयर और अन्य बाह्य उपकरणों की खरीद के लिए स्टार्ट-अप और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट संस्थानों को उदार लोन प्रदान किया जाय.
सॉफ्टवेयर डेवलपर्स के लिए राष्ट्रीय स्तर का संगोष्ठी आयोजित करें और सर्वश्रेष्ठ डेवलपर को पुरस्कृत करें।
नए स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए एम.एस.एम.ई से संपर्क किया जाय .
MSME की तहत चलने वाले सभी इन्क्यूबेशन केंद्रों को इन यैप्स को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाय तथा विशेष ग्रांट दिया जाय . 
ऐप विकास के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है।
जिस दिन प्रतिबन्ध की घोषणा की गई थी, उस दिन  सामाजिक ऐप्स के डाउनलोड की संख्या में तीव्र वृद्धि पाई गई। इसने निवेशकों को नए निवेशों के लिए घरेलू सामग्री वाले सामाजिक प्लेटफार्मों को देखने के लिए आकर्षित किया, क्योंकि ये स्टार्ट-अप अपने चीनी प्रतियोगियों के वैकल्पिक समाधान की खोज में हैं. समाचारों से यह पता चला है कि भारत के टिकटॉक विकल्प, मितरोनटीवी ने उद्यम पूंजी फर्म से बीज वित्त पोषण में  2 करोड़ जुटाए हैं। इसी तरह, शेयर चाट नामक एक अन्य ऐप, जो चीन के प्रतिबंधित ऐप हेलो के साथ प्रतिस्पर्धा करता है, अपने अगले फंडिंग राउंड के एक हिस्से के रूप में लगभग 100 मिलियन डॉलर का फंड जुटाने के लिए तत्पर है। मुझे यकीन है कि यह प्रवृत्ति निश्चित रूप से सभी युवा डेवलपर्स और स्टार्ट-अप का समर्थन करने के लिए संभावित निवेशकों का ध्यान आकर्षित करेगी। 
भारत के प्रत्येक कोर सॉफ्टवेयर डेवलपर्स तथा आई.टी एक्सपर्ट्स के लिए , यह एक को शानदार मौका है . अत्यंत आकर्षक फीचर्स से लैस प्रतिस्पर्धी सोशल एप्स को विकसित करके, चीन जैसे देश को सबक सीखने की आज जरुरत आ पड़ी है.   इंडियन मेक, सोशल वीडियो ऐप जैसे मितरोनटीवी, शेयरचैट के कुछ ही दिनों में मिलियन डाउनलोड होने के दावे बहुत उत्साहजनक हैं और सभी डेवलपर्स और निवेशकों को यह स्पष्ट संकेत देते हैं कि यदि गुणात्मक उत्पादों को बाजार में लॉन्च किया जाय तो उपयोगकर्ताओं की कोई कमी नहीं है। चीनी ऐप स्कैनर की जगह इंडियन ऐप "चिंगारी और कागज़ स्कैनर" साझा करने वाला एक और वीडियो कुछ ही समय में सामने आया और बड़े पैमाने पर बाजार में जोरदार पकड़ बना ली। ज्ञातव्य है  कि भारत सभी डिजिटल स्मार्ट उत्पादों का उपभोग करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। सभी युवा उद्यमियों और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स से मेरी अपील है कि आप इस सुनहले अवसर को भुना कर अपनी प्रतिभा का परिचय दें . भारत सरकार,   ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट मंत्रालय एवं यु. जी. सी. भारतीय युवा वर्ग को आवश्यक फण्ड मुहैया कराये  तथा  सॉफ्टवेयर जगत में अपनी खास पहचान बना कार सम्पूर्ण देश एवं देशवाशियों को गौरवान्वित करें .





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